सेंगोल क्या है | सेंगोल क्या होता है| सेंगोल को कहां स्थापित किया जाएगा | Sengol Meaning in hindi | What is Sengol
सेंगोल जोकि दक्षिण भारत के चोल वंश से संबंधित है हमारे नए संसद भवन में स्थापित होगा। इससे पहले हम में से कोई संगोल के बारे में जानता तक नहीं था। आइए जानते हैं संभल और उसका इतिहास हमारे भारतीय संस्कृति से।
हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा हमारे नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को किया गया है। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन करने के साथ ही सैंगोल को संसद भवन में भारतीय राज्य दंड के रूप में स्थापित कर दिया है।
इस आर्टिकल मैं सिंगल से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है जैसे संगोल क्या है, Sengol kya hai in hindi, सेंगोल का इतिहास क्या है| अब तक सेंगोल कहां था | सेंगोल को संसद भवन में कहां स्थापित किया गया है सेंगोल का हिंदी में अर्थ इत्यादि |
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Contents
- 1 Sengol Kya Hai Hindi Me
- 2 सेंगोल तमिलनाडु राज्य से संबंधित रखता है |
- 3 Sengol Kya Hai In Hindi Meaning
- 4 सेंगोल का इतिहास क्या है ?
- 5 दक्षिण भारत से सेंगोल का क्या संबंध है ?
- 6 सेंगोल को कहां रखा गया था ?
- 7 सेंगोल की आकृति
- 8 भारत की आजादी में सेंगोल का महत्व
- 9 सेंगोल का निर्माण कैसे किया गया
- 10 भारतीय राजनीति में का सेंगोल हत्व
- 11 नए संसद भवन में सैंगोल की स्थापना कहां की गई ?
Sengol Kya Hai Hindi Me
सेंगोल का अर्थ होता है धर्म निष्ठा और सच्चाई। तमिल का एक शब्द सेम्मई से बना है संगोल को हिंदी में राजदंड कहते हैं। सेंगोल अंग्रेजों से भारतीयों को सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक है। जब अंग्रेजों ने भारत को मुक्त किया तब अंग्रेजों ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी सैंगोल देकर स्वतंत्रता थमाई।
सेंगोल तमिलनाडु राज्य से संबंधित रखता है |
अमित शाह द्वारा इसकी काफी प्रशंसा की गई है अमित शाह अपने सोशल मीडिया हैंडल्स में लिखते हैं सेंगोल निष्पक्ष न्याय का प्रतिनिधित्व करता है। राजनीतिक इतिहास में सैंगोल की भूमिका रही है। प्राचीन समय में राजा महाराजा सिंघल को अपने सिंहासन में बैठते समय प्रयोग करते थे।
Sengol Kya Hai In Hindi Meaning
सेंगोल धार्मिकता न्याय और राजनीति का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सिंगोर को संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के बगल में रखा गया है।
सेंगोल का इतिहास क्या है ?
प्राचीन समय में चोल वंश से संबंध रखने वाला सेंगोल न्याय धर्म सच और सच्चाई का प्रतीक है। चोल वंश अभी के तमिलनाडु राज्य से संबंध रखता है था। चोल वंश में जब भी सत्ता बदलती थी और दूसरे राजा को साम्राज्य दिया जाता था तब इस प्रक्रिया में सेंगोल का काफी महत्वपूर्ण योगदान होता था। एक राजा दूसरे राजा को संकुल देकर उसे राजगद्दी सप्ताह था। सेंगोल हमेशा से राजनैतिक कार्यों में इस्तेमाल किया गया है।
दक्षिण भारत से सेंगोल का क्या संबंध है ?
ऐतिहासिक दस्तावेजों में सेंगोल का काफी सम राज्यों में जिक्र किया गया है सैंगोल कई साम्राज्य के पास हुआ करता था। सेंगोल का प्रयोग राजा आया उसके प्राधिकारी के द्वारा किया जाता था। सेंगोल की अधिक चर्चा चोल साम्राज्य में होती है जिसमें सेंगोल को ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर का प्रतीक सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक माना जाता है। s.raj वैल्यू जोकि तमिल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं उनके द्वारा बताया जाता है कि सेंगोल को तमिल राजाओं के पास हुआ करता था। सेंगोल तमिल क्षेत्र में न्याय और सुशासन का प्रतीक माना जाता है।
सेंगोल को कहां रखा गया था ?
आजादी के वक्त जब अंग्रेजों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को स्वतंत्रता थमाई सेंगोल देकर तब से यानी 1947 से लेकर अब तक सिंगल को इलाहाबाद संग्रहालय मैं नेहरू जी द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं के साथ रखा गया था।
सेंगोल की आकृति
सेंगोल आकृति में एक लंबे सोने के डंडे जैसा दिखता है या 1 भाले जैसा। सेंगोल को चोल वंश में विभिन्न कलाओं के संगठन के प्रतीक के रूप में माना जाता है पूर्णविराम सैंगोल की लंबाई 5 फीट है।
- सेंगोल चांदी कब बना है जिस पर सोने का पानी चढ़ा हुआ है।
- सेंगोल के ऊपर एक नंदी की आकृति बनी हुई है जिसे हिंदू धर्म में भगवान शिव का वाहन कहते हैं।
दक्षिण भारत में नंदी को सन्ति का प्रतीक माना जाता है नंदी के ठीक नीचे दो झंडे बने हैं सोनगरा मंगोल प्राचीन भारत की झलक को दर्शाता है
भारत की आजादी में सेंगोल का महत्व
भारत की आजादी और सेंगोल दोनों आपस में संबंधित है। सब अंग्रेजों द्वारा भारत को आजाद करने की घोषणा की गई तब उस समय अंग्रेजों के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहरलाल नेहरू से पूछा क्या आप इससे ऐतिहासिक घटना पर कोई समारोह रखना चाहते हैं।
उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरु के पास उन्हें जवाब देने के लिए शब्द नहीं थे। फिर काफी विचार-विमर्श करने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस विषय में सी राजगोपालाचारी से बात की। राजगोपाल चारी तमिलनाडु से थे और तमिलनाडु की परंपरा से भली-भांति परिचित है।
राजगोपालाचारी ने नेहरू जी को सेंगोल के बारे में बताया इसे सुन पंडित जवाहरलाल नेहरू काफी प्रसन्न हो गए राजगोपालचारी ने बताया कि सेंगोल को चोल वंश के समय सत्ता के हस्तांतरण पर एक शासक से दूसरे शासक को दिया जाता था। जवाहरलाल नेहरू को उनका यह विचार काफी पसंद आया उन्होंने तुरंत सैंगोल को निर्माण करने की जिम्मेदारी राजगोपालाचारी को शांति।
सेंगोल का निर्माण कैसे किया गया
सेंगोल के निर्माण की जिम्मेदारी राजगोपालचारी को मिली थी। राजगोपाल चारी सैंगोल के निर्माण हेतु तमिलनाडु के सबसे बड़े मठ हीरो आवाज दुरई अधीनम के पास गए और उनसे इस विषय में चर्चा की। उसके बाद संगोल के निर्माण की जिम्मेदारी चेन्नई के एक सुनार भूमि दी बंगारू को दी गई। वहां के दो कलाकारों ने सेंगोल को बनाया सिंघौल के निर्माण होते ही उसे दिल्ली लाया गया और लॉर्ड माउंटबेटन को सौंपा गया उसके बाद 14 अगस्त 1947 को सिंगल लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा पंडित जवाहरलाल नेहरू को सत्ता हस्तांतरण पर सौंपा गया।
भारतीय राजनीति में का सेंगोल हत्व
सेंगोल क्या है यह तो अपनी जान लिया आप जानते हैं कि सैंगोल और भारतीय राजनीति का संबंध क्या है। कैसे सेंगोल एक अहम भूमिका निभाता है भारत की आजादी में। 1947 में जब भारत को आजादी मिली तब उस आजादी उस समारोह को और भी ज्यादा ऐतिहासिक बनाने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सैंगोल जोकि तमिलनाडु के चोल वंश से संबंध रखता है उसे भारत की आजादी में शामिल किया। सेंगोल सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में अंग्रेजों ने प्रधानमंत्री चौहान लाल नेहरू को सौंप दिया। उसके बाद से सिंघल को इलाहाबाद संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया था।
नए संसद भवन में सैंगोल की स्थापना कहां की गई ?
वर्तमान में सेंगोल को नए संसद भवन में जगह मिल चुकी है। सेंगोल चौकी परंपरा विरासत और न्याय का प्रतीक है उसके लिए संसद भवन से उचित जगह और कोई नहीं है। सेंगोल को संसद भवन में जगह देकर हम तमिलनाडु की संस्कृति को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
सेंगोल को नए संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित किया गया है। सिंघल को लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया गया है।